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क़सस अल अन्बिया: हज़रत सालिह़ علیہ السلام | Selah - Prophet Salih |

क़सस अल अन्बिया: ह़ज़रत सालिह़ عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ -

शुरू ख़ुदावन्द-ए मतआ़ल के बा-बरकत नाम से जो बातिन ओ ज़ाहिर से ख़ूब वाक़िफ़ है -

दुरूद-ए ख़ुदावन्द बर तमाम मुअ़ज़्ज़िज़ क़ारईन. अज़ जानिब-ए मरदम-ए निज़ाम-ए आ़लम आप मुअ़ज़्ज़िज़ीन को अज़ तह क़ल्ब अस्सलामु अ़लैकुम व ख़ुश आमदीद. मैं आप का मेज़बान, ज़ुलक़रनैन मुहम्मद सुलैमान और आप इस वक़्त मौजूद है, निज़ाम-ए आ़लम पर. क़ब्ल अज़ मुतालआ़ एक दफ़ा तिलावत-ए दुरूद बर ख़ातिम-ए अन्बिया ﷺ पेश करें कि ख़ुदावन्द-ए सुब्हान क़ारी पर 10 मर्तबा अपनी रहमतों का नुज़ूल फ़रमाता है -

بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّ ٱللَّهَ وَمَلَـٰٓئِكَتَهُ يُصَلُّونَ عَلَى ٱلنَّبِىِّ يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ صَلُّواْ عَلَيْهِ وَسَلِّمُواْ تَسْلِيمًا

दुरूद व सलाम बर नबी-ए ख़ुदावन्द-ए मतआ़ल, जनाब-ए सालिह़ عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ‎ -

मोहतरम मुअ़ज़्ज़िज़ क़ारईन, सिलसिला-ए क़सस अल अन्बिया عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ में गुज़िश्ता क़िस्त हज़रत इदरीस عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ की ज़िन्दगी पर मुस्तक़िर थी व आज सिलसिला-ए क़सस अल अन्बिया عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ ही में हमारा मौज़ू पयाम्बर-ए ख़ुदावन्द-ए मतआ़ल عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ जनाब-ए सालिह़ عَلَيْهِ ٱلصَّلَاةُ وَٱلسَّلَامُ की ज़िन्दगी के हालात और हवादिस पर मुस्तअ़्मिल है - 

(आया आप ने ये सीरीज़ ख़्वान्दन फ़रमाईं -)




फ़िल-वक़्त आज की माअ़लूमात का हम यहीं इख़्तेताम करते हैं. सिलसिला-ए क़सस अल अन्बिया में हज़रत सालिह़ علیہ السلام के हवादिस-ए ज़िन्दगी से मुतअ़्ल्लिक़, अव्वल ओ आख़िरी क़िस्त है लिहाज़ा क़िस्त-ए क़ादिम, हज़रत ____ علیہ السلام की ज़िन्दगी पर मुस्तअ़्मिल होगी जिस की अशाअ़त अज़ जानिब मरदम-ए निज़ाम-ए आलम आज से 6 रोज़ बाअ़्द (तारीख़ - -/-/- की शब 20:00 बजे) होगी. 

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